इस महोत्सव की शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है और इसके दूसरे दिन नरक चतुर्दशी पड़ती है।
दिवाली के ठीक एक दिन पहले कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी कहा जाता है।
- कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि आरंभ - 23 अक्टूबर 2022, शाम 6 बजकर 3 मिनट से
- कार्तिक चतुर्दशी तिथि समापन -24 अक्टूबर, शाम 5 बजकर 27 मिनट पर
- इस योग में काली चौदस 23 अक्टूबर 2022, रविवार को रात 11:42 से 24 अक्टूबर 2022 प्रात: 12:33 तक रहेगी और इसी मुहूर्त में काली माता का पूजन होगा।
- नरक चतुर्दशी उदया तिथि के अनुसार -24 अक्टूबर 2022, सोमवार को मनाई जाएगी।
नरक चतुर्दशी के दिन प्रातः जल्दी उठें और स्नान आदि कर्म से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद घर के पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ़ करें और सभी देवी देवताओं को स्नान कराएं।
घर के मंदिर में दीपक जलाएं और प्रदोष काल के समय घर के मुख्य द्वार या आंगन में दीपक जलाएं।
एक दीपक यमदेव के नाम का जलाएं और मुख्य द्वार के बाहर रखें।
इस दिन कुछ लोग व्रत भी रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा माता लक्ष्मी समेत करते हैं।
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